अदालती डंडे के बाद, देशमुख की नैतिकता जागी, इस्तीफा
(कर्ण हिंदुस्तानी )
आखिरकार महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपना इस्तीफा दे ही दिया। देशमुख ने इस्तीफा देते वक़्त मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा कि अदालत ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच हेतु कमेटी का गठन करने का आदेश दिया है.जिसके चलते मैं नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा देता हूँ।
आम जनता को यह समझ नहीं आता है कि अदालती आदेश के बाद ही नेताओं की नैतिकता क्यों जागती है ?
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने जब अनिल देशमुख पर सौ करोड़ की वसूली का आरोप लगाया था तब देशमुख खुद को पाक – साफ़ बताने में लगे थे।
अब देशमुख ने नैतिकता दिखाते हुए इस्तीफा दे दिया है। …. वाह क्या नैतिकता जागृत हुई है !!
मुंबई के बियर बार और डांस बार से हर माह एक बड़ी रकम विभिन्न राजनीतिक दलों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जाती ही है। यह सभी जानते हैं कि पुलिस वेलफेयर फंड के नाम पर जो फ़िल्मी नाच गानों का हर साल कार्यक्रम किया जाता था , उस कार्यक्रम की टिकटें किसके मत्थे मारी जातीं थीं ?
पिछली सरकार में जब आर आर पाटिल गृहमंत्री थे तब उन्होंने इसी हफ्ताखोरी के खिलाफ जंग लड़ते हुए सभी डांस बार बंद करवा दिए थे। उसके बाद क्या हुआ सभी जानते हैं।
इसके अलावा मुख्य बात यह भी है कि कांग्रेस और – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सत्ता से हटते ही पागल सी हो जाती हैं , हर बार सत्ता में रहते हुए माल कमाना इनकी और इनके मंत्रियों की फितरत बन गयी है।
इनकी रगों में भ्रष्टाचार घर कर चुका है। इसके बिना जीना तो क्या सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।
यही वजह है कि जब शिवसेना का बीजेपी से मोह भंग हुआ तो दोनों दलों ने शिवसेना पर डोरे डालने शुरू कर दिए और एक ऐसा गठबंधन बनाकर सरकार स्थापित की जिसका कोई मतलब ही नहीं था।
एक दूसरे की घोर विरोधी राजनीतिक पार्टियां सिर्फ सत्ता की मलाई खाने एक मंच पर आ गयीं थीं। इसके बाद कोरोना काल में भी धन कमाने की लालसा कम नहीं हुई।
कहीं अवैध कोविड सेंटर खोला गया और उ4समें आग लगने से कई लोग मर गए। कहीं हत्या कर मामला दबाने का प्रयास किया गया।
खुद गृहमंत्री सौ करोड़ की मांग करने लगे। इतना खुलेआम सत्ता का दुरपयोग पहले कभी नहीं देखा गया था।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सत्ता का अधूरा ज्ञान होने की वजह से और सामने शरद पवार जैसा घाग व्यक्ति होने की वजह से सारी बदनामी सरकार की होनी शुरू हो गयी।
जिनकी मानसिकता ही अवैध कमाई करने की हो वह लोग आम जनता के हित के बारे में क्या सोचेंगे ?
लॉक डाउन के साए में जी रही जनता को पता ही नहीं कि उनके तथाकथित मसीहा किस तरह से लूट रहे हैं ?
आज नैतिकता की बात कर इस्तीफा देने वाले अनिल देशमुख ने इससे पहले शिक्षा मंत्री रहते हुए चाटे क्लासेस के मालिक मछिन्द्र चाटे क्लासेस किस तरह से बंद करवाई थी. यह महाराष्ट्र के लोग अच्छी तरह से जानते हैं।
इस लिए अनिल देशमुख नैतिकता की बात ना करें तो बेहतर होगा क्योंकि नैतिकता तो वैसी भी अब नेताओं में बची नहीं है।