लापरवाही की वजह से कल्याण डोम्बिवली में बढ़ रहा है कोरोना
(कर्ण हिंदुस्तानी )
कल्याण डोम्बिवली महानगर पालिका क्षेत्र में बुधवार को कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या दो सौ पार कर गयी। हज़ार से भी ज्यादा लोगों की इस जानलेवा बीमारी से अब तक मौत हो चुकी है। मार्च से लॉक डाउन लगने के बाद से और उसके बाद लॉक डाउन में ढिलाई देने के बाद जनता सरकारी नियमों का पालन करने में कोताही बरत रही है। रोज़ाना सैंकड़ों लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। मनपा प्रशासन ऐसे गैर जिम्मेदार लोगों को आर्थिक दंड लगाकर अपनी जिम्मेदारी पूर्ण कर रही है। मगर सवाल अभी भी कायम है कि आखिरकार पिछले चौबीस घंटों में कोरोना के नए संक्रमितों की संख्या दो सौ से आगे कैसे चली गयी ?
राज्य सरकार ने कुछ जगहों पर सख्ती की लेकिन यह सख्ती किसी भी काम नहीं आयी और आज हालात यह बन गए हैं कि डायरा लॉक डाउन लगाने वाली स्थिति पैदा हो गयी है। जब लॉक डाउन में ढिलाई बरतने की बात हो रही थी और आधी दुकानें खोलने और एक दिन का फरक डाल कर बाकी की दुकाने और व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलने का नियम लागू किया गया था तब व्यापारियों ने अपने व्यापार को लेकर रोना शुरू कर दिया। मनपा प्रशासन पर दवाब बनाकर पूरी मार्किट खुलवा दी। त्योहारों का समय होने की वजह से मनपा प्रशासन ने भी कुछ नियमों को आगे कर बाज़ारों को खोलने की अनुमति दे दी। दुकानदारों को मास्क लगाने और सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करने की चेतावनी देकर मनपा प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। कोरोना की रोकथाम के लिए विज्ञापनों और बैनर्स पर हज़ारों लाखों खर्च कर दिया मगर जन जागृति के नाम पर एक रुपल्ली भी खर्च नहीं हो पायी। जिसके नतीजे सामने हैं , हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। मनपा के आयुक्त डॉ विजय सूर्यवंशी ने एक बार भी सर्वदलीय बैठक लेने का काम नहीं किया। आम लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने की चेतावनी दी गयी और एक साथ भारी संख्या में एकत्र ना होने की सलाह भी दी गयी लेकिन पत्री पूल के गर्डर को सरकाने के काम वाले दिन भीड़ को नियंत्रित करने का कोई ध्यान नहीं रखा गया। जब बीजेपी ने बिजली बिलों की होली जलाने वाला आंदोलन किया तब भी सामाजिक दूरी का किंचित मात्र भी ध्यान नहीं रखा गया। ऐसे में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ना लाजिमी ही है। यदि मनपा प्रशासन चाहे तो स्थिति आज भी नियंत्रण में लाई जा सकती है। बाज़ार और अन्य व्यापारिक संस्थानों को आंशिक रूप से बंद किया जाए। समय सारिणी तय की जाए। सब्जी बाज़ार और फूल मार्किट जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर ध्यान दिया जाए। मास्क के साथ ही सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करने के लिए जनजागृति की जाए। यदि ऐसा नहीं होगा तो नए संक्रमितों का आंकड़ा टी सौ भी बढ़ सकता है।