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विशाखापट्टनम दुर्घटना –  हिन्दू जनजागृति समिति की दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग

 

एक ओर देश कोरोना विषाणु के संकट से जूझ रहा है, तो दूसरी ओर ‘भोपाल वायु दुर्घटना’का स्मरण करोनेवाली घटना विशाखापट्टनम में हुई । इस दुर्घटना में 11 लोगों की मृत्यु हुई है, तो अनेक लोगों की स्थिति गंभीर है । वर्ष 1984 में हुई ‘भोपाल वायु दुर्घटना’ के दोषियों को दंड न मिलने से उस दुर्घटना में मृत 20 हजार लोगों को और 5 लाख घायलों को अभीतक न्याय नहीं हुआ है । इस प्रकार की स्थिति पुनः उत्पन्न न हो; इसके लिए सरकार को विशाखापट्टनम के दोषियों के विरुद्ध तत्काल कठोर से कठोर कार्यवाही करनी चाहिए । साथ ही देश के अन्य स्थानों पर ऐसी दुर्घटना न हो; इसके लिए घातक-विषैली वायु का उपयोग करनेवाली परियोजनाआें का तुरंत सर्वेक्षण किया जाए । हिन्दू जनजागृति समिति केंद्र और राज्य सरकारों से यह मांग कर रही है ।

इस वायु रिसाव के लिए संबंधित कंपनी जितनी उत्तरदायी है, उतना ही दोषी वहांपर सुरक्षा के नियमों का कठोरता से क्रियान्वयन न करनेवाला पर्यावरण विभाग और अन्य संबंधित प्रशासनिक तंत्र भी उत्तदायी हैं । इसलिए दोषी कंपनी के साथ-साथ प्रशासनिक तंत्र के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध भी कठोर कार्यवाही होनी चाहिए ।

हिन्दू जनजागृति समिति ने अनेक प्रकरणों में अनुभव किया है कि पर्यावरण विभाग में कार्यरत प्रशासनिक तंत्र पर्यावरण के लिए घातक घनकचरा, जैविक कचरा और अवैध पशुवधगृहों की अनदेखी करते हैं । ऐसे भ्रष्ट और कामचोर प्रशासनिक कर्मचारियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही र् होने हेतु समिति ने कभी राष्ट्रीय हरित आयोग के पास जनहित याचिका प्रविष्ट कर, तो कभी शासन से शिकायत कर, तो कभी आंदोलन चलाकर संघर्ष किया है । समिति इस उपलक्ष्य में पुनः यह आवाहन करती है कि जनता समिति के इस ‘सुराज्य अभियान’में सम्मिलित हो!

 

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