महाराष्ट्र में हिंदू-मुस्लिम के बाद, अब हिंदी-मराठी विवाद
(राजेश सिन्हा)
महाराष्ट्र में इन दिनों लाउडस्पीकर विवाद खत्म हो गया दिख रहा है वही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे का आगामी 5 जून को अयोध्या यात्रा पर नया विवाद जोर पकड़ रहा है।
आम लोग इन सव विवादों को भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना की मिलीभगत और सोची समझी राजनीति के तहत किया जाना मान रहे हैं।
ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने देशभर के सभी धार्मिक पूजा स्थलों पर अवैध रूप से बजाए जा रहे लाउडस्पीकर हटाने का निर्देश दिया था। देश के अनेक राज्यों में सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश का पालन नहीं हो रहा था।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने इसी मुद्दे को अपने गुड़ी पड़वा के दिन आयोजित पार्टी की आम सभा में उठाया।
जिसे सोची समझी राजनीति के तहत शिवसेना नेता संजय राउत और राकपा प्रमुख शरद पवार के साथ राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील और राकंपा के प्रमुख नेता अजित पवार इस मामले को खूब उठाया। और राज ठाकरे के बयान के विरोध में बयानबाजी कर मामले को खूब हवा दी।
जबकि निर्णय सुप्रीम कोर्ट का था। और इसे मानना हर राज्य सरकार की मजबूरी थी। लेकिन महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जानबूझकर इस मामले मे जमकर विरोधाभासी बयानबाजी कर मामले में आग में घी डालने का काम किया।
लगभग 1 महीने तक महाराष्ट्र में स्थिति तनावपूर्ण रही। और परिणाम सबके सामने है शिवसेना और राकपा के अनेक विरोधाभासी बयानवाजी के नौटंकी के बावजूद राज्य के ज्यादातर मस्जिदों पर अवैध रूप से बजाए जा रहे हैं लाउडस्पीकर हटा लिए गए।
और इस पूरे घटनाक्रम के परिणाम मनसे प्रमुख राज ठाकरे की छवि हिंदुत्ववादी नेता के रूप में पूरे देश में उभरी है।
(इस पूरे प्रकरण में राज्य सत्ता में प्रमुख दल कांग्रेस चुप क्यों थी ?
राकपा और शिवसेना नेता इस मामले को क्यों अधिक तूल देकर राज ठाकरे की हिंदुत्ववादी छवि बनने में मदद की?
इस पूरे मामले में भाजपा की क्या भूमिका थी ?
इन सब पर खबर जल्द ही!!!)
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भारतीय जनता पार्टी को महाराष्ट्र के आगामी महानगर पालिका के चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ गठबंधन कर लड़ना है। और महाराष्ट्र के साथ देशभर में मनसे प्रमुख राज ठाकरे की हिंदुत्ववादी छवि बन जाने के बाद अब मराठी भाषी वोटरों को मनसे की तरफ आकर्षित करवाने का ठेका भाजपा ने ले लिया है
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और इसी के लिए अब हिंदी भाषी – मराठी भाषी विवाद भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने शुरू किया है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार आगामी 5 जून को अपने हिंदुत्ववादी छवि को और धार देने के लिए मनसे प्रमुख राज ठाकरे अयोध्या जाएंगे।
ऐसे में उत्तर प्रदेश के गोंडा के भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने अपना बेतुका विरोध दर्शाया है। उनके अनुसार पिछले वर्षों में मनसे ने महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों को प्रताड़ित किया है और अब मनसे प्रमुख अयोध्या आ रहे हैं।
भाजपा सांसद ने मनसे प्रमुख के अयोध्या आगमन पर कडा विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
हालांकि इस मामले में भाजपा संगठन पर्दे के पीछे ही है और इस मामले में अपना पल्ला झाड़ते हुए इसे भाजपा सांसद की निजी राय बताई है।
लेकिन मनसे नेता भाजपा सांसद के उस बयान को महाराष्ट्र भर में खूब जोर शोर से प्रचार प्रसार कर मामले को तूल देने का काम कर रहे हैं। और अगले 10-15 दिन में यह मामला निश्चित रूप से गरमा जाएगा। दो-चार दिन में यह मीडिया का भी प्रमुख विषय बन जाएगा।
और इसमें कुछ हिंदी भाषियों की पिटाई की घटना होगी।और अंत में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार सम्मान के साथ राज ठाकरे को अयोध्या बुलाएगी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें बुलाकर सम्मानित भीी करेंगे ।
मतलब इस पूरे घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र में मनसे प्रमुख राज ठाकरे की छवि मराठी भाषियों में भी और अच्छी बन जाएगी।