एनसीपी के एक और मंत्री प्राजक्त तानपुरे पर ईडी ने कसा शिकंजा, 94 एकड़ जमीन कुर्क
एनसीपी के एक और मंत्री प्राजक्त तानपुरे पर ईडी ने कसा शिकंजा, 94 एकड़ जमीन कुर्क
ईडी ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) में कथित घोटाले की मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में सोमवार को महाराष्ट्र के मंत्री प्राजक्त तानपुरे और अन्य की 94 एकड़ जमीन कुर्क कर ली। तानपुरे महाराष्ट्र सरकार में शहरी विकास, ऊर्जा, आदिवासी विकास, उच्च और तकनीकी शिक्षा और आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री हैं। वे राहुरी विधानसभा सीट से राकांपा विधायक हैं। वे शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के चौथे नेता हैं, जो केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस का गठबंधन वर्तमान में महाराष्ट्र में शासन कर रहा है। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को पिछले हफ्ते मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जबकि उनके पूर्व सहयोगी अनिल देशमुख को पुलिस के जरिये हर महीने करोड़ों की वसूली कराने के मामले में एक अलग मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार से जुड़ी एक चीनी मिल को पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अटैच किया था।
*जानें, क्या है मामला*
यह मामला महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के तत्कालीन अधिकारियों और निदेशकों द्वारा अपने रिश्तेदारों और कुछ लोगों को औने-पौने दाम पर सहकारी चीनी मिलों को बेचने के आरोपों से संबंधित है। ईडी का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की अगस्त 2019 की प्राथमिकी पर आधारित है। 22 अगस्त, 2019 को बांबे हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस शिकायत आई थी, जिसमें कथित तौर पर धोखाधड़ी के जरिये महाराष्ट्र सहकारी क्षेत्र में चीनी कारखानों को बेचने के आरोपों की जांच की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, तत्कालीन राम गणेश गडकरी सहकारी शकर कारखाना (एसएसके) की 90 एकड़ जमीन जो तक्षशिला सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है और अहमदनगर जिले में प्राजक्ता तानपुरे से संबंधित 7.6 करोड़ रुपये की 4.6 एकड़ की गैर-कृषि भूमि कुर्क की गई है। इन जमीनों की कुल कीमत 13.41 करोड़ रुपये आंकी गई है।
*ईडी की जांच में हुआ ये खुलासा*
एमएससीबी ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना 2007 में राम गणेश गडकरी सहकारी शकर कारखाने की नीलामी कम कीमत पर की थी। यह जमीन प्राजक्त तानपुरे (प्रसाद तानपुरे के बेटे) की फर्म प्रसाद शुगर एंड एलाइड एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड को 12.95 रुपये में बेची गई थी। ईडी के बयान में अनुसार इस जमीन का आरक्षित मूल्य 26.32 करोड़ रुपये था। प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पाया गया कि नीलामी प्रसाद शुगर एकमात्र बोली लगाने वाला था। बोली प्रक्रिया को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए, एमएससीबी के अधिकारियों द्वारा बोली दस्तावेजों पर एक दूसरे बोली लगाने वाले के हस्ताक्षर लिए गए थे। इस दूसरे बोलीदाता ने आवश्यक बयाना राशि (ईएमडी) जमा नहीं की और इसे प्रसाद शुगर का प्रतिनिधि पाया गया।